Uncategorized

पूर्व माध्यमिक शाला अरेकेल में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पखवाड़ा अंतर्गत विविध कार्यक्रम का आयोजन हुआ

बच्चों में ज्ञान-विज्ञान के प्रति रूचि पैदा करना तथा उनमें वैज्ञानिक चेतना विकसित करना जरूरी-विश्वास मेश्राम

बसना , बच्चों में ज्ञान-विज्ञान के प्रति रूचि पैदा करने तथा उनमें वैज्ञानिक चेतना विकसित करने सेवानिवृत्त अपर कलेक्टर,पूर्व संयुक्त संचालक छत्तीसगढ़ प्रशासन अकादमी निमोरा, छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा के अध्यक्ष विश्वास मेश्राम,सचिव डॉ.वॉय.के.सोना के निर्देशानुसार छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा के जिला महासमुन्द इकाई के सदस्य विज्ञान शिक्षक प्रेमचन्द साव के नेतृत्व में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पखवाड़ा के तहत् शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला अरेकेल में विविध कार्यक्रमों चित्रकला प्रतियोगिता, भारतीय वैज्ञानिकों का विज्ञान क्षेत्र में योगदान,अंतरिक्ष में भारत का बढ़ते कदम,विश्व में भारतीय वैज्ञानिकों का अमूल्य योगदान के बारे में विस्तारपूर्वक चर्चा,औषधीय पौधों के बारे में विविध गतिविधियों का आयोजन किया गया। स्मार्ट टेलीविजन के माध्यम से कक्षा छठवीं से आठवीं के छात्र -छात्राएं ग्रहों की स्थितियों,सैटेलाइट,मानव का विकास,मानव पाचन तंत्र,उत्सर्जन तंत्र आदि के बारे में समझ विकसित कर पाए।विद्यार्थियों में बचपन से वैज्ञानिक चेतना विकसित करने हेतु विज्ञान गीत का गायन करवाया गया। विज्ञान आओ करके देखें कार्यक्रम अंतर्गत स्थानीय संसाधनों द्वारा छोटे छोटे प्रयोगों के माध्यम से वैज्ञानिक अवधारणाओं को समझ पाए।इस अवसर पर छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा के अध्यक्ष विश्वास मेश्राम ने कहा कि बच्चों को विज्ञान का लाभ तभी मिल सकता है जब अभिभावक और शिक्षक इस ओर ध्यान देंगे। हमारा प्रयास यह होना चाहिए कि हम बच्चों को सरल ढंग से विज्ञान समझाएं। अगर हमारा ध्यान इस ओर होगा तो उसका दोहरा लाभ होगा। हमारे बच्चे स्वस्थ होंगे और वे अपने जीवन को वैज्ञानिक तरीके से जीने की कला में दक्ष होते जाएंगे।बच्चों में विज्ञान के प्रति रुचि किसी भी उम्र में जगायी जा सकती है।बच्चों में हर चीज़ के प्रति एक स्वाभाविक जिज्ञासा होती है। वे अपने आस पास की चीजों को देखतें हैं, अपने तरीक़े से उनका अध्ययन करते हैं और उन्हें समझते भी हैं।उनके बड़े होने के क्रम में इस स्वाभाविक कौतूहल को दबाएँ ना। “क्यूँ” और “कैसे” पूछने के लिए छात्र -छात्राओं को हमें प्रोत्साहित करना चाहिए।बच्चों में वैज्ञानिक चेतना विकसित करने के लिए तरीका बताते हुए शिक्षक प्रेमचन्द साव ने कहा कि बच्चों को प्रश्न पूछने और जानकारी का अनुसंधान करने,प्रयोगशाला और वैज्ञानिक उपकरणों का इस्तेमाल करने,प्राकृतिक वातावरण से जोड़ने,बच्चों को पानी,वन यात्राएं,पौधों और जानवरों के अध्ययन के लिए प्रोत्साहित करने,बच्चों को विज्ञान के सिद्धांतों को दैनिक जीवन का हिस्सा बनाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।साथ ही साथ शैक्षणिक परिभ्रमण के दौरान बच्चों को हर चीज़ का अवलोकन करने के लिए प्रोत्साहित,जिज्ञासा को बढ़ावा देने,बच्चों को रुचि अनुसार कार्य करने,वैज्ञानिक माहौल में नवागत अनुभव और प्रयोगों को साझा करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।इस अवसर पर प्रधान पाठक हीराधर साव ने विज्ञान के महत्व पर विस्तृत रूप से बताया गया।राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पखवाड़ा अंतर्गत वर्षा यादव,लता साव,कुंती साव,प्रभा सिदार,लेसिका साहू,डिमेश देवांगन,प्रभात,देविका नंदे, पूनम साव, पल्लवी सिदार,शिखा साव,प्रभा यादव,नुजहत,लावनिया,हेमिका देवांगन,परविन, नेहा साव,शिवम्, जितेन्द्र,घनेन्द्र चेरकिया,मयंक भोई,पुस्तम, देवनारायण, विक्की,रुपेश आदि छात्र -छात्राओं द्वारा भारतीय वैज्ञानिकों के बारे में जानकारी प्रदान करने में एवं चित्रकला प्रतियोगिता में सहभागिता प्रदान किया गया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!